नव-वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ....
"सो रहे हो ?
सोते रहो !
किन्तु क्या रुक जायेगा
उगता हुआ नव-भोर ?
निश्चित नहीं
भोर तो आकर रहेगा
इस धरा के
मौज भरते,
मुक्त अम्बर में
विचरते,
पंछियों का
शोर भी छा कर रहेगा |"
:) consecutive second post in a row [:P]