Saturday, January 2, 2010

नया सवेरा :)

नव-वर्ष की शुभकामनाओं के साथ ....


"सो रहे हो ?
 सोते रहो !
 किन्तु क्या रुक जायेगा
 उगता हुआ नव-भोर ?
 निश्चित नहीं
 भोर तो आकर रहेगा
 इस धरा के
 मौज भरते,
मुक्त अम्बर में 
 विचरते,
 पंछियों का
 शोर भी छा कर रहेगा |"

:) consecutive second post in a row [:P]

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