"दिल की वादी में चाहत का मौसम है और यादों की डालियों पर अनगिनत बीते लम्हों की कलियाँ महकने लगी है | अनकही-अनसुनी आरज़ू, आधी सोयी हुई, आधी जागी हुई...आँखें मूँद के देखती है...ज़िन्दगी | ज़िन्दगी जिसके पहलु में मोहब्बत भी है, तो हसरत भी है, पास आना भी है, दूर जाना भी है | वक़्त बहता है झरने सा यह कहता हुआ ... दिल की वादी में चाहत का मौसम है ......."
आज फिर इस चाहत को गुलज़ार कर रहा हूँ गुलज़ार के साथ...
"याद है इक दिन...
मेरे मेज़ पे बैठे-बैठे
सिगरेट की डिबिया पे तुम ने
छोटे से इक पौधे का
एक स्केच बनाया था
आ कर देखो-
उस पौधे पर फूल आया है !!'
Gulzar will come back again...
wait for next posts...Bbye for now !
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Thursday, February 11, 2010
Saturday, February 6, 2010
Gulzar & me...(version-1)
Now I am from Gulzar's side, giving time to his wonders (I am saying 'wonders' because he does miracles with his creations). I want to share something which I like the most. The very first in a row is here...
Love you Gulzar... :)
और अचानक ...
तेज हवा के झोंके ने कमरे में आकर
हलचल कर दी ...
पर्दे ने लहरा के मेज़ पे रखी ढेर-सी कांच की
चीज़ें उलटी कर दी ...
फडफड करके इक किताब ने जल्दी से मुंह
ढांप लिया ...
इक दवात ने गोता खा के,
सामने रखे जितने कोरे कागज़ थे सबको रंग दिया
दीवारों पे लटकी तस्वीरों ने भी हैरत से
गर्दन तिरछी करके देखा तुमको...
फिर से आना ऐसे ही तुम
और भर जाना रंग फिर से इस कमरे में !
- गुलज़ार
(more in next posts...)
Love you Gulzar... :)
और अचानक ...
तेज हवा के झोंके ने कमरे में आकर
हलचल कर दी ...
पर्दे ने लहरा के मेज़ पे रखी ढेर-सी कांच की
चीज़ें उलटी कर दी ...
फडफड करके इक किताब ने जल्दी से मुंह
ढांप लिया ...
इक दवात ने गोता खा के,
सामने रखे जितने कोरे कागज़ थे सबको रंग दिया
दीवारों पे लटकी तस्वीरों ने भी हैरत से
गर्दन तिरछी करके देखा तुमको...
फिर से आना ऐसे ही तुम
और भर जाना रंग फिर से इस कमरे में !
- गुलज़ार
Friday, January 1, 2010
And that has made all the difference...!!!
Happy New Year to all...
The very first post of this year strikes to me only because of '3 Idiots'.
So here is the much similar poem 'The Road not Taken' by Robert Frost.
The very first post of this year strikes to me only because of '3 Idiots'.
So here is the much similar poem 'The Road not Taken' by Robert Frost.
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